आदित्य1, जे.एन. भाटिया2 एवं फतेह सिंह2
1 स्नातकोतर छात्र (पादप रोग), बागवानी एवं वानिकी महाविद्यालय नेरी, हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश); ईमेल : adityabhatia29@gmail.com
2 वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, कुरूक्षेत्र, हरियाणा
पपीते का पौधा एक से ढेड़ वर्ष में फल देना शुरु कर देता है और इसके फल पूरा वर्ष उपलब्ध रहते हैं। पपीते के फल औषधीय व पौष्टिक गुणों का भण्डार हैं तथा इससे अनेक स्वादिष्ट व गुणकारी उत्पाद बनाकर अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। पपीते की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसकी खेती आम, अमरुद, नीबू, बेर व अन्य फलदार पौधों में जो जगह बीच में खाली पड़ी रहती है वहां पर सफलतापूर्वक की जा सकती है जिससे प्रति एकड़ मुनाफा और बढ़ जाता है। परन्तु इस फसल को कई प्रकार के रोग नुकसान पहुँचाते हैं जिनकी जानकारी होना किसान के लिए अत्यन्त आवश्यक है।
गुणकारी-पपीते-के-रोग-व-उनका-प्रबंधन
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