के.एल. दहिया1, जसवीर सिंह पंवार एवं अत्तर सिंह1
1पशु चिकित्सक, 2उपमण्डल अधिकारी, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, कुरूक्षेत्र, हरियाणा
भारतीय अर्थव्यवस्था में पशुधन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत में छोटे ग्रामीण परिवारों की आय में पशुधन का योगदान 16% है, जबकि सभी ग्रामीण परिवारों का औसत 14% है। पशुधन ग्रामीण समुदाय के दो-तिहाई लोगों को आजीविका प्रदान करता है। यह भारत में लगभग 8.8% आबादी को रोजगार भी प्रदान करता है। भारत में विशाल पशुधन संपदा है। पशुधन क्षेत्र में सकल घरेलू उत्पाद का 4.11% और कुल कृषि जीडीपी का 25.6% योगदान है। बेशक, पशु एक मूक प्राणी है और रोगी होने की दशा में वह अपना दु:ख तो नहीं बता सकता है लेकिन शारीरिक अवस्थाओं के माध्यम से इसे व्यक्त अवश्य करता है जिन्हें समझकर पशुपालक उसके दर्द के लक्षणों को जानकर पशु चिकित्सक से साझा कर इलाज में सहयोग कर सकता है। रोगी पशु को जल्दी ठीक करने के लिए पशुपालक को रोगी पशु के लक्षणों का ठीक-ठीक पता होना जरूरी हो जाता है ताकि उसका पशु जल्दी स्वस्थ हो जाए।
पशुपालक-भी-समझें-पशुओं-का-मौलिक-स्वास्थ्य-निरीक्षण