के. एल. दहिया, पशु चिकित्सक
राजकीय पशु हस्पताल, हमीदपुर (कुरूक्षेत्र) हरियाणा
अपने भी साथ छोड़ देते हैं लेकिन पशु खासतौर से कुत्ते इतने वफादार होते हैं कि वह कभी भी अपने मालिक रूपी साथी का साथ नहीं छोड़ते हैं। आज जब मनुष्य एकाकी जीवन जीने के लिए मजबूर हो जाता है, तब यही पशु उनके जीने का सहारा बनते हैं। दोनों ही अपनी-अपनी धुन में एक-दूसरे के सहारे अपना जीवन व्यतीत करते हैं।
पशु-प्रेम-एवं-पशु-कल्याण-का-सामाजिक-जीवन-में-महत्तवPDF Embedder requires a url attribute