के.एल. दहिया
पशु चिकित्सक, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, कुरूक्षेत्र, हरियाणा।
डेयरी पशुओं में पशुओं की प्रजनन क्षमता पशुपालकों की आय का प्रमुख निर्धारक है जिसका आंकलन डेयरी पशुओं में मादा द्वारा प्रतिवर्ष एक संतान पैदा करने की क्षमता से किया जाता है। उन्नत पशुपालन व्यवसाय के लिए यह आवश्यक है कि दुधारू मादा समय पर मद में आए और गर्भधारण कर ले। दुधारू पशुओं में प्रजनन क्षमता को प्रभावित करने वाले कई कारणों में से रिपीट ब्रीडिंग है जिसे हिन्दी में पुनरावृन्त प्रजनन, सामान्य बोलचाल की भाषा में बार–बार फिरना, गर्भ न ठहरना भी कहा जाता है। पशुपालकों तथा कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों के लिये प्रजनन की यह समस्या अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं ज्वलन्त है क्योंकि इससे पशुपालकों को गाय/भैंस के गर्भ धारण न कर पाने के कारण आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। यह समस्या न केवल दुग्ध उत्पादन को कम करती है, बल्कि गाय/भैंस से प्राप्त होने वाली संतान की संख्या को भी कम करती है। इसके साथ ही डेयरी पशुओं का शुष्क काल बढ़ने से अतिरिक्त चारे एवं आहार से भी पशुपालकों को अर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।
लाभप्रदता-के-लिए-आवश्यक-है-डेयरी-पशुओं-में-रिपीट-ब्रीडिंग-का-समाधान