के.एल. दहिया
पशु चिकित्सक, राजकीय पशु हस्पताल, हमीदपुर (कुरूक्षेत्र)
पशुपालन एवं डेयरी विभाग, हरियाणा
सूअर पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिससे रोजगार के साथ-साथ अतिरिक्त आर्थिक लाभ भी अर्जित किया जा सकता है। चीन में एक कहावत कही जाती है ‘अधिक सूअर – अधिक खाद – अधिक अनाज’ अर्थात जिसके पास अधिक सुअर हैं उसकी खेती सबसे अच्छी है। सूअर पालन, भारत में बहुत से लोगों की आमदनी का अच्छा स्त्रोत रहा है, इसलिए सूअर पालन व्यसायिक दृष्टि से भारतीय लोगों के लिए कृषि से जुड़े व्यवसायों में अच्छा एवं लाभदायक विचारों में से एक हो सकता है। माँस उत्पादन की दृष्टि से वैश्विक स्तर पर सूअरों की अनेक अच्छी नस्लें पायी जाती हैं। इनमें से कुछ ऐसी नस्लें है जो भारत के जलवायु के अनुकूल हैं जिनका सूअर पालन के लिए उद्यमी किसी भी अच्छी नस्ल का चयन करके सूअर पालन शुरू कर सकता है। हालांकि, भारत में कुछ वर्ष पहले तक सूअर पालन व्यवसाय को निम्न दृष्टि से देखा जाता था इसलिए समाज में इस व्यवसाय की अच्छी छवि नहीं थी। लेकिन वर्तमान में सम्पूर्ण परिदृश्य बदलता जा रहा है। इसलिए भारत में इस तरह का यह व्यवसाय केवल आर्थिक रूप से किसी एक वर्ग विशेष तक ही सीमित नहीं रह गया है।
Piggery-A-Profitable-Business