के.एल. दहिया1 एवं आभा2
1पशु चिकित्सक, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, हरियाणा; 2विद्यार्थी, मदरहुड आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय, रूड़की – उतराखण्ड
प्राणीरूजा रोग ऐसे रोग और संक्रमण जो कशेरूकी पशुओं (पालतू एवं वन्य जीवों) और मनुष्यों के बीच संचरित होते हैं और समय-समय पर मनुष्यों बहुत बड़े पैमाने पर संक्रमण और मृत्यु का कारक बनते हैं। प्रतिवर्ष विश्वभर में 6 जुलाई को लुई पाश्चर के रेबीज रोग को नियंत्रित करने के लिए प्रथम टीकाकरण के कार्य को याद करने और अब प्राणीरूजा रोगों के प्रति सामान्य जन को जागरूक करने के लिए विश्व प्राणीरूजा रोग दिवस मनाया जाता है। इन प्राणीरूजा रोगों को नियंत्रित करने के लिए आमजन में जागरूकता की अहम् भूमिका सिद्ध हो सकती है।
स्वस्थ-भविष्य-के-लिए-आवश्यक-है-प्राणीरूजा-रोगों-का-ज्ञान