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[Hindi] Animals Transmitting the Diseases To Humans – Eryseplas

के.एल. दहिया

पशु चिकित्सक, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, हरियाणा

email: drkldahiya@hotmail.com

ऐरिसिपेलस (Erysipelas ) अर्थात विसर्प व्यापक स्तर पर पायी जाने वाली आर्थिक महत्व की मृतोजीवी प्राणीरूजीय (Saprozoonotic) बीमारी है जो संभावित रूप से सभी कशेरुकी प्रजातियों में होती है और अक्सर मनुष्यों में संक्रमित जानवरों के मल, लार या नाक से निकलने वाले स्राव के साथ सीधे संपर्क से व्यवसाय से संबंधित रोग है।

रोग के पर्यायवाची नाम

विसर्प, हीरा चर्म रोग, डायमंड स्किन डीजिज।

रोग का इतिहास

  • 1 फरवरी 1691 को पोप अलेक्जेंडर VIII (पिएत्रो वीटो ओटोबोनी, 1610-1691) और 1 जून 1846 को पोप ग्रेगरी XVI (मौरो कैपेलरी, 1765-1846) की मृत्यु एरिसिपेलस के कारण हुई थी (Paladino et al. 2021)।
  • 1876 में रॉबर्ट कोच ने चूहे में संक्रमित रक्त का टीका लगाने पर एरीसिपेलोथ्रिक्स का पहला स्ट्रेन पृथक किया और इस जीवाणु को ‘माउस सेप्टिसीमिया के बैसिलस’ के रूप में वर्णित किया और इसे एरीसिपेलोथ्रिक्स म्यूरिसेप्टिका नाम दिया (Ugochukwu et al. 2019)।
  • 1863 तक भारत में इस रोग को बहुत दुर्लभ माना जाता था (Chevers 1875)।
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