के.एल. दहिया1 एवं यशवन्त सिंह2
- 1पशु चिकित्सक, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, हरियाणा; email: drkldahiya@hotmail.com
- 2प्राध्यापक एवं प्रभारी, पशुधन फार्म परिसर/पशुधन उत्पादन प्रबंधन विभाग, पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय, रामपुरा फूल, बठिंडा, (पंजाब)। email: ysinghvet@gmail.com
लम्पी स्किन डिजीज (एलएसडी) गौजातीय पशुओं में चमड़ी का रोग है जो लम्पी स्किन डिजीज वायरस के कारण होता है। यह गौवंश और भैंसों को प्रभावित करने वाली एक संक्रामक, छूत और आर्थिक महत्व की बीमारी है। यह चमड़ी और शरीर के अन्य भागों में गांठ बनने के उपरान्त फटने से बने घावों के कारण कभी-कभी घातक भी हो सकती है। आमतौर पर, बुखार, भूख न लगना, और मुंह, नाक, थन, जननांग, मलाशय की त्वचा और श्लेष्मा झिल्ली पर गांठे बनना, दूध उत्पादन में कमी, गर्भपात, बांझपन और कभी-कभी मृत्यु इस रोग के लक्षण हैं। द्वितीयक जीवाणु संक्रमण होने से प्रभावित पशुओं की स्थिति और खराब हो जाती है। पीड़ित पशु के शरीर पर गांठे बनने के कारण इस रोग को गांठदार या ढेलेदार चमड़ी रोग भी कहा जाता है।
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