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Tag Archives: Animal Husbandry

जूफार्माकोग्नॉसी: एथनोवेटरीनरी चिकित्सा का आधार

जसवीर सिंह पंवार1 एवं के.एल. दहिया2 1उपमण्डल अधिकारी, 2पशु चिकित्सक, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, हरियाणा सारांश: आमतौर पर आप बहुत बार सुनते हैं कि जीवन एक विद्यार्थी है अर्थात जीवन में हम सतत् किसी-न-किसी से कुछ सीखते रहते हैं और ज्ञान किसी से भी लिया जा सकता है, फिर चाहे …

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बोरोन – महत्वपूर्ण आहारीय सूक्ष्म खनिज तत्व

के.एल. दहिया1, यशवन्त सिंह2 एवं शुभम नरवाल3 1पशु चिकित्सक, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, हरियाणा; email: drkldahiya@hotmail.com 2प्राध्यापक एवं प्रभारी, पशुधन फार्म परिसर/पशुधन उत्पादन प्रबंधन विभाग, पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय, रामपुरा फूल, बठिंडा, (पंजाब)। email: ysinghvet@gmail.com 3विद्यार्थी, बी.वी.एससी. एण्ड ए.एच., भा.कृ.अनु.प.-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर (उत्तर प्रदेश) बोरोन धातु के …

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एथनोवेटरीनरी चिकित्सा: डेयरी पशुओं में पारंपरिक उपचार

के.एल. दहिया, पशु चिकित्सकपशुपालन एवं डेयरी विभाग, कुरूक्षेत्र – हरियाणा आदिकाल से ही मनुष्यों और जीव-जंतुओं में संक्रामक रोग रहे हैं जिनका विभिन्न प्रकार की चिकित्सा पद्दतियों जैसे कि लोक/परंपरागत चिकित्सा (एथनोमेडिसिन), संहिताबद्ध शास्त्रीय (आयुर्वेद, सिद्धा, यूनानी और तिब्बती) चिकित्सा, संबद्ध प्रणालियाँ (योग और प्राकृतिक चिकित्सा) और पश्चिमी मूल की …

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पशुओं में उष्मीय तनाव – प्रभाव एवं बचाव

के.एल. दहिया1, जसवीर सिंह पंवार2 एवं प्रेम सिंह3 1पशु चिकित्सक, 2उपमण्डल अधिकारी, 3उपनिदेशक, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, हरियाणा भारतवर्ष में वातावरण का तापमान अनोखा है जहाँ उष्णकटिबंधीय दक्षिण भारत में अच्छी वर्षा होती है तो उत्तरी भारत के पहाड़ी क्षेत्र बर्फ की चादर में लिपटे रहते हैं। इसके विपरीत पश्चिमी …

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भैंस पालन में बाधक कारक और उनका निवारण

के.एल. दहिया1, जसवीर सिंह पंवार2  एवं प्रेम सिंह3 1पशु चिकित्सक, 2उपमण्डल अधिकारी, 3उपनिदेशक, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, हरियाणा भारत एक कृषि प्रधान राष्ट्र है जिसका पशुपालन एक अभिन्न अंग है। हालांकि, भारत मंर गायों की संख्या अधिक है फिर भी अधिकांश राज्यों खासतौर से हरियाणा राज्य में भैंस के दूध …

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पशु रोगों के घरेलु उपचार

के.एल. दहिया पशु चिकित्सक, पशु पालन एवं डेयरी विभाग, कुरूक्षेत्र – हरियाणा जब भी कभी पशुओं को थनैला रोग, बुखार, दर्द अथवा सूजन इत्यादि हो जाती है तो उनको एंटीबायोटिक, ज्वरनाशी, दर्दनिवारक और सूजनहारी दवाएं दी जाती हैं। यदि यही औषधियाँ दुधारू, अण्डा मांस उत्पादन करने वाले पशुओं को दी …

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भारत में अफ्रीकन स्वाइन फीवर की दस्तक

के.एल. दहिया1, राजिन्द्र सिंह नैन2 एवं ईश्वर सिंह3 1पशु चिकित्सक, राजकीय पशु हस्पताल, हमीदपुर (कुरूक्षेत्र) हरियाणा; 2सूकर विकास अधिकारी, अंबाला, पशुपालन एवं डेयरी विभाग हरियाणा; 3प्रबन्धक, राजकीय सूकर प्रजनन फार्म अम्बाला – हरियाणा अफ्रीकन स्वाइन फीवर विषाणुओं के द्वारा होने वाला रक्तस्रावी, संक्रामक एवं अत्यन्त घातक रोग है जो वृद्धिशील …

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